Friday 17 September 2021

धर्मांतरण करने वाले नहीं लड पाएंगे पंचायत चुनाव : झारखंड में आदिवासियों का ऐलान

 


झारखंड में अब धर्म परिवर्तन करने वालों को पंचायत चुनाव नहीं लड़ने दिया जाएगा। गुरुवार (सितंबर 16, 2021) को बिरसा सरस्वती शिशु मंदिर तपकरा में जनजाति सुरक्षा मंच के तत्वावधान में आयोजित बैठक में सह संयोजक सोमा उरांव ने यह बातें कही।

दैनिक जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधान, मुखिया, प्रमुख और जिला परिषद का पद केवल अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए ही है। जो अपने रीति-रिवाज व परंपरा का निर्वहन एवं संवर्धन करेगा, वैसे लोगों का ही साथ देना होगा। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने अपना धर्म परिवर्तन कर लिया है, उन्हें पंचायत चुनाव में भाग नहीं लेने दिया जाएगा।

इस दौरान जनजाति रक्षा मंच के संयोजक संदीप उरांव ने अपनी धर्म संस्कृति रीति-रिवाज व परंपरा को बचाए रखने की बात कही। उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी को शिक्षित होना होगा और अपने अधिकारों से संबंधित कानूनों को जानना होगा। उन्होंने कहा कि पाहन, महतो, मुंडा, पानी भरवा वगैरह अपनी परंपरा को छोड़ रहे हैं, उसे सही रास्ते पर लाने की जरूरत है। जो धर्मांतरण कर दूसरे समुदाय में चले गए हैं, वैसे व्यक्ति को पाहन, मुंडा, महतो, पानी भरवा के पदों से तुरंत हटाने की जरूरत है। यह बैठक जनजातियों के संवैधानिक अधिकारों पर चर्चा के लिए आयोजित की गई थी।

उल्लेखनीय है कि हाल ही में राज्य के टोंटो थाना क्षेत्र के ग्राम दुरूला में ‘हो समुदाय’ के लोगों ने आदिवासी से ईसाई धर्म अपनाने वाले व्यक्ति के शव को अपने ससनदिरी (कब्रिस्तान) में दफनाने नहीं दिया। गाँव में धर्मांतरण कर चुके अमृत लाल बोयपाई की शनिवार (सितंबर 11, 2021) रात मृत्यु हो गई। अमृत के परिवार के लोग उसके शव को हो समुदाय के वंशागत ससनदिरी स्थल पर रविवार की सुबह चुपचाप दफनाने के लिए गढ्ढा खोद रहे थे।

इसकी भनक गाँव के लोगों को लग गई। इसके बाद इस मुद्दे ने तूल पकड़ लिया। शव दफनाने को लेकर दिन भर पंचायती चली। आखिरकार रविवार (सितंबर 12, 2021) देर रात मृतक को उसके घर के आंगन में ही दफनाया गया। ईसाई परिवार को हो समाज के मृत्यु संस्कार और व रीति-रिवाज के अनुसार शव को दफनाने की कोशिश पर कड़ा ऐतराज जताते हुए सख्त चेतावनी दी गई।

ग्रामीणों ने थाना प्रभारी से शिकायत की कि बाहर के लोग में आकर लोगों को भड़काते हैं। लालच देकर धर्मांतरण कराते हैं और सीधी-सादे ग्रामीणों को पुलिस-प्रशासन का भय दिखाते हैं। थाना प्रभारी ने धर्म प्रचारकों को कड़ी चेतावनी दी कि वे गाँव की शांति-व्यवस्था को न बिगाड़ें, अन्यथा उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

गौरतलब है कि गाँव में लगभग 11 परिवारों ने धर्मांतरण किया है। कुछ धर्मांतरित परिवारों का सामाजिक बहिष्कार भी किया गया है। इसे लेकर पहले भी कई दौर की पंचायत हुई है। मामला थाना भी पहुँचा है और थाना प्रभारी ने दोनों पक्षों को शांति बनाए रखने की हिदायत दी है।

संदर्भ : OpIndia

Monday 13 September 2021

उत्तर प्रदेश : महोबा में पकडा गया ईसाई प्रचारक, धर्मांतरण का बना रहा था दबाव

 


धर्मांतरण का बना रहा था दबाव

उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में 40 साल का एक ईसाई धर्म प्रचारक पकड़ा गया है। उसकी पहचान आशीष जॉन के तौर पर हुई है। वह 20 साल पहले ईसाई बना था। उस पर पडोसी संजय द्विवेदी पर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डालने और लालच देने का आरोप है।

द्विवेदी की शिकायत मिलने के बाद आशीष जॉन को गिरफ्तार किया गया। मामला महोबा के पनवाड़ी थाना क्षेत्र के ठाकुरदास मोहल्ला का है। रिपोर्टों के अनुसार द्विवेदी कई दिनों से बीमार चल रहा था। आशीष जॉन को इस बात की जानकारी थी। आरोप है कि आशीष बीमारी ठीक करने और व्यापार के लिए पैसा देने का लालच दे धर्म परिवर्तन का दबाव बना रहा था। पुलिस ने आरोपित को धर्म परिवर्तन प्रतिरोध अध्यादेश 2020 की धारा 3, धारा 5 के तहत मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है।

द्विवेदी ने शिकायत में कहा है कि उसे लगातार सिरदर्द की शिकायत रहती है। एक महीने पहले उसने इसके बार में आशीष जॉन को बताया तो उसने एक ड्रिंक दी। हाल ही में आरोपित ने कथित तौर पर शिकायतकर्ता से फिर से उसके दर्द के बारे में पूछा। जब द्विवेदी ने कहा कि ड्रिंक से कोई फायदा नहीं हुआ, तो जॉन ने इस समस्या को दूर करने के लिए उसे ईसाई धर्म अपनाने को कहा।

पुलिस ने बताया कि कुछ दिनों बाद जॉन ने कथित तौर पर द्विवेदी को अपने साथ चर्च चलने को कहा। जब शिकायतकर्ता ने मना कर दिया तो जॉन ने उससे कहा कि उसका सिरदर्द कभी ठीक नहीं होगा। पुलिस ने कहा कि आरोपित ने कथित तौर पर अपने पड़ोसी से कहा कि उसे व्यवसाय शुरू करने के लिए 12,000 रुपए मिलेंगे। इसके अलावा उसने उसे कुछ धार्मिक किताबें भी दीं। हिंदू संगठनों की सूचना पर पहुँची पुलिस ने आरोपित को दबोच लिया।

गौरतलब है कि पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के बहराइच में तीन हिंदू परिवारों ने ईसाई धर्म अपना लिया था। रिसिया थाना क्षेत्र के एक गाँव में परिवार की महिला ने ईसाई धर्म अपना लिया। इसके बाद वह परिवार के बाकी लोगों पर धर्मान्तरण करने का दवाब बनाने लगी। इसके बाद परिजनों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और जिले के कलेक्टर को पत्र लिखकर मदद की गुहार लगाई थी। बबलू ने जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर अपने छोटे भाई की पत्नी के धर्मान्तरण करने और घर के बाकी सदस्यों पर भी धर्म परिवर्तन करने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया था।


Wednesday 1 September 2021

‘₹500 लो, हिन्दू देवी-देवताओं को गाली दो’ : महिलाओं का धर्मांतरण कराने वाला धराया


पिछले कुछ दिनों में देश में ईसाई मिशनरियों की करतूतों को लेकर बहस तेज़ है। ताजा मामला आजमगढ़ जिले करतालपुर का है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईसाई धर्म अपनाने के लिए पैसों का लालच देने वाले वाराणसी के हुकुलगंज के रहने वाले राम चन्द्र को पुलिस ने मंगलवार (31 अगस्त, 2021) को गिरफ्तार कर लिया है।

राम चन्द्र पर महिलाओं को भड़काने और उन्हें ईसाई समाज की पुस्तकें बाँटने का आरोप है। प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि आरोपित व्यक्ति के खिलाफ धारा 273/ 21, 298/504 के तहत FIR दर्ज कर ली गई है। इसके साथ ही इस गिरोह में शामिल अन्य लोगों की तलाश की जा रही है। पुलिस ने बताया कि अभी तक कितने लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा चुका है, इसकी जाँच जारी है।

प्रभारी निरीक्षक ब्रह्मदीन पांडेय ने बताया, ”सराय मंदराज गाँव के निवासी जित्तू सोनकर की शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है। वह पिछले कई महीने से करतालपुर में गरीब परिवार के सदस्यों पर धर्म बदलने का दबाव बना रहा था।”

रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोपित राम चन्द्र गरीब व दलित महिलाओं को अपना निशाना बनाता था। वह महिलाओं को 500 रुपए का लालच देकर उन्हें हिन्दू-देवी देवताओं को गाली देने के लिए कहता था। साथ ही महिलाओं से कहता था कि अगर तुम ईसाई धर्म स्वीकार कर लोगी तो येशु तुम लोगों की दरिद्रता दूर कर देंगे।

बता दें कि पिछले साल दिसंबर में आजमगढ़ में ईसाई धर्मांतरण कराने में लिप्त 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। दीदारगंज के डीह कथौली गाँव में ईसाई धर्मांतरण कराने के लिए 3 लोग पहुँचे थे, जिन्हें सूचना मिलते ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। स्थानीय भाजपा नेता अशोक यादव ने इस मामले में थाने में तहरीर दी थी, जिसके आधार पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की गई थी।

‘₹500 लो, हिन्दू देवी-देवताओं को गाली दो’ : महिलाओं का धर्मांतरण कराने वाला धराया

 

पिछले कुछ दिनों में देश में ईसाई मिशनरियों की करतूतों को लेकर बहस तेज़ है। ताजा मामला आजमगढ़ जिले करतालपुर का है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईसाई धर्म अपनाने के लिए पैसों का लालच देने वाले वाराणसी के हुकुलगंज के रहने वाले राम चन्द्र को पुलिस ने मंगलवार (31 अगस्त, 2021) को गिरफ्तार कर लिया है।

राम चन्द्र पर महिलाओं को भड़काने और उन्हें ईसाई समाज की पुस्तकें बाँटने का आरोप है। प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि आरोपित व्यक्ति के खिलाफ धारा 273/ 21, 298/504 के तहत FIR दर्ज कर ली गई है। इसके साथ ही इस गिरोह में शामिल अन्य लोगों की तलाश की जा रही है। पुलिस ने बताया कि अभी तक कितने लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा चुका है, इसकी जाँच जारी है।

प्रभारी निरीक्षक ब्रह्मदीन पांडेय ने बताया, ”सराय मंदराज गाँव के निवासी जित्तू सोनकर की शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है। वह पिछले कई महीने से करतालपुर में गरीब परिवार के सदस्यों पर धर्म बदलने का दबाव बना रहा था।”

रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोपित राम चन्द्र गरीब व दलित महिलाओं को अपना निशाना बनाता था। वह महिलाओं को 500 रुपए का लालच देकर उन्हें हिन्दू-देवी देवताओं को गाली देने के लिए कहता था। साथ ही महिलाओं से कहता था कि अगर तुम ईसाई धर्म स्वीकार कर लोगी तो येशु तुम लोगों की दरिद्रता दूर कर देंगे।

बता दें कि पिछले साल दिसंबर में आजमगढ़ में ईसाई धर्मांतरण कराने में लिप्त 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। दीदारगंज के डीह कथौली गाँव में ईसाई धर्मांतरण कराने के लिए 3 लोग पहुँचे थे, जिन्हें सूचना मिलते ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। स्थानीय भाजपा नेता अशोक यादव ने इस मामले में थाने में तहरीर दी थी, जिसके आधार पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की गई थी।

Monday 30 August 2021

‘भारत के दो हिस्से करो, एक हिस्सा ईसाइयों को दो… इसके बाद हम आपको परेशानी नहीं देंगे’: आंध्र प्रदेश का पादरी

 30 August, 2021

बाइबल ओपन यूनिवर्सिटी इंटरनेशनल के उप निदेशक पादरी उपेंद्र राव की एक वीडियो वायरल हुई है। इस वीडियो में उन्हें भारत को दो हिस्सों में विभाजित करने की माँग करते हुए सुना जा सकता है।

वीडियो में वह कहते हैं, “हम प्रिय नेता पीडी सुंदर राव के नेतृत्व में ऑल इंडिया ट्रू क्रिश्चियन काउंसिल की ओर से माँग करते हैं कि भारत को दो हिस्सों में विभाजित किया जाना चाहिए और ईसाइयों को एक अलग देश के तौर पर एक आधा हिस्सा दिया जाना चाहिए।”

हैरान करने वाली इस वीडियो को एससी/एसटी राइट्स फोरम ने अपने ट्विटर पर साझा किया है। इसमें पादरी आगे कहता है, “इसके बाद (विभाजन के बाद) हम आपको परेशानी नहीं देंगे।” ये वीडियो 24 अगस्त को शेयर की गई थी।

पादरी के उपेंद्र राव कथित तौर पर तेलंगाना और महाराष्ट्र के लिए अखिल भारतीय सच्चे ईसाई परिषद के राज्य अध्यक्ष भी हैं। उनकी वीडियो वायरल होने के बाद जब AITCC का फेसबुक खंगाला गया तो मालूम हुआ कि पेज 2019 से लगभग बंद पड़ा हुआ है, मगर, उससे पहले के पोस्ट देखें तो पता चलता है कि संगठन ने कुछ कार्यक्रमों की तस्वीर साझा की हुई हैं। इसमें एक में दिखाया है कि कैसे AITCC ने “GOD’s servant” को बाइक स्पॉन्सर की।

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बता दें कि धर्मांतरण और ईसाईकरण का कारोबार भारत के कई हिस्सों में फैला हुआ है। आंध्र प्रदेश, तमिल नाडु, तेलंगाना इसके उदाहरण हैं। कई मिशनरी तमाम तरह के हथकंडे अपना कर गरीबों को इसका शिकार बना रहे हैं। हमने पहले की रिपोर्टस में बताया भी था कि पुलिस ने ऐसे ही मामले में तीन पादरियों पर मुकदमा दर्ज किया था। ये पादरी सोशल मीडिया पर बच्चों की तस्वीर पोस्ट करके उन्हें अनाथ बताकर धन इकट्ठा करने की कोशिश कर रहे थे। रैकेट का खुलासा पिछले माह कृष्ण जिले के थुक्कुलुर के ग्रामीणों ने किया था। कार्रवाई में एक पादरी को हिरासत में लिया गया था जबकि बाकी दो फरार होने में सफल हो गए थे।

https://hindi.opindia.com/national/andhra-pradesh-divide-india-into-two-and-handover-one-to-christians-says-pastor/

पादरी के घर पर हमला कर भीड़ ने पीटा, चेताया: कहा- आदिवासियों का ईसाई धर्मांतरण बंद करो

 30 August, 2021

छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के एक गाँव में धर्मांतरण कराने को लेकर पादरी को पीटने का मामला सामने आया है। रविवार (29 अगस्त) को 100 से अधिक लोगों की भीड़ ने पादरी के घर में घुसकर कथित तौर पर उसे और उसके परिवार को पीटा। एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, भीड़ ने इस दौरान आदिवासी क्षेत्रों में ईसाई मिशनरियों के धर्मांतरण के खिलाफ नारे भी लगाए।

यह घटना रविवार सुबह करीब 11 बजे की है। बताया जा रहा है कि भीड़ धर्मांतरण के खिलाफ नारे लगाते हुए पादरी कवलसिंह परस्ते (25 साल) के घर में घुस गई। उस समय उनके घर में प्रार्थना चल रही थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, परस्ते के घर में तोड़फोड़ की गई और उनके परिवार के साथ मारपीट भी की गई।

कबीरधाम के पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने बताया, “प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, 100 से अधिक लोगों की भीड़ उनके घर में घुस गई और कथित तौर पर पूजा करने की वस्तुओं, घरेलू सामानों को क्षतिग्रस्त कर दिया और उनकी पवित्र पुस्तक को भी फाड़ दिया।” गर्ग ने यह भी बताया कि हमले की सूचना मिलते ही पुलिस की एक टीम मौके पर पहुँची। उन्होंने कहा कि मामला दर्ज कर लिया गया है और जल्द ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

इस बीच छत्तीसगढ़ के क्रिश्चियन फोरम के अध्यक्ष अरुण पन्नालाल ने पुलिस और राज्य सरकार पर ईसाई प्रार्थना स्थलों पर हमले के मामलों में उचित कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है। अरुण पन्नालाल ने कहा, “यह एक बहुत ही खतरनाक प्रवृत्ति है, जो राज्य में प्रचलित हो गई है और सरकार इसे रोकने में विफल रही है। हम इस सरकार के सुस्त रवैये से बेहद आहत हैं।”

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पन्नालाल ने आरोप लगाया, “पिछले 15 दिनों में राज्य भर में हमारे धार्मिक स्थलों पर कथित तौर पर कम से कम 10 ऐसे हमले हुए, लेकिन किसी भी मामले में पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। हम सिर्फ न्याय चाहते हैं। हालाँकि, ऐसी घटनाओं के बार-बार होने से पता चलता है कि सरकार उन लोगों का साथ दे रही है, जो ऐसे बर्बरतापूर्ण हमले में शामिल हैं।”

पन्नालाल ने चर्चों में की गई तोड़फोड़ के सभी सबूत पेश करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर करने की भी धमकी दी है। उन्होंने यह भी कहा कि जनहित याचिका में ऐसे मामलों में पुलिस की कथित निष्क्रियता का स्पष्ट उल्लेख होगा।

गौरतलब है कि हाल ही में पंजाब से एक वीडियो सामने आया था, जिसमें पादरी बजिंदर को एक बच्चे का इस्तेमाल अंधविश्वास फैलाने और लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए करते हुए देखा गया था। एनसीपीसीआर ने चंडीगढ़ के डिप्टी कमिश्नर मनदीप सिंह बराड़ को ‘पादरी बजिंदर सिंह‘ के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा है, जो एक नाबालिग लड़के को अपने अंधविश्वासी धर्मांतरण प्रचार के लिए इस्तेमाल करता है। बजिंदर ने बच्चे को लोगों से यह कहने के लिए मजबूर किया था कि उसकी मूक बहन अचानक यशु के ‘चमत्कार’ के कारण बोलने लगी थी।


https://hindi.opindia.com/national/chhattisgarh-pastor-beaten-up-by-mob-alleged-religious-conversion/